शिक्षा की गुणवत्ता जांचने के लिए कॉलेज ने लिया शिक्षकों का टेस्ट
मुंबई। ठाणे जिले के अलामुरी रत्नमाला संस्थान में अपनी तरह के पहले प्रयोग के रूप में पिछले सप्ताह इंजीनियरिंग के 80 शिक्षकों की उनके संबंधित विषयों में परीक्षा ली गई। कॉलेज ने यह पहल इसलिए शुरू की है, ताकि अपने छात्रों की दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता की जांच की जा सके।
कॉलेज की योजना ऐसे बेस्ट एंसर का बैंक बनाने की है, जिसमें शिक्षकों द्वारा लिखे गए सबसे अच्छे उत्तरों को छात्रों को रिफरेंस के रूप में दिखाया जा सके। मुंबई मिरर में प्रकाशित एक खबर के अनुसार, इलेक्िट्रसिटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स के टीचर इसरानी ने बताया कि एक शिक्षक के रूप में हम छात्रों को अच्छे तरीके से पढ़ा रहे हैं।
मगर, हमारी अपनी योग्यता और ज्ञान का लंबे समय से कोई परीक्षण नहीं हुआ है। इस परीक्षा का आईडिया यह है कि शिक्षकों को उनके विषय के बारे में अच्छे तरीके से तैयार किया जाए। हमने अपनी परीक्षा मुंबई यूनिवर्सिटी के तय फॉर्मेट के आधार पर दी।
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कॉलेज ने कहा कि जिन शिक्षकों ने 80 फीसद से कम अंक हासिल किए, उन्हें साइड पोस्टिंग दी जाएगी। उन्हें शिक्षण का काम तभी दिया जाएगा, जब वे अपने विषय की परीक्षा अगले प्रयास में सफलतापूर्वक कर सकेंगे।
कॉलेज के डीन दिनेश इसरानी ने कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि कोई छात्र आए और यह कहे कि शिक्षक को किसी विषय में कुछ जानकारी नहीं है या शिक्षक किसी डाउट को अच्छी तरह से समझा नहीं पाया। उन्होंने कहा कि मैं पिछले 25 सालों से इलेक्टॉनिक्स पढ़ा रहा हूं।
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डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन के एसोसिएट प्रोफेसर संजय हुंडीवाला ने बताया कि एक शिक्षक के रूप में मैंने महसूस किया कि हमें खुद को अपडेट करने की जरूरत है। ऐसे में मौजूदा सिलेबस और फॉर्मेट के आधार पर शिक्षकों की परीक्षा लेना सबसे अच्छा तरीका था।