वायुसेना के बेड़े में शामिल हुआ तेजस, जानिए इसकी 10 खूबियां
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के बेड़े में स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान को शामिल कर लिया गया है जिसका नाम फ्लाइंग डैगर्स फोर्टीफाइव रखा गया है। इस विमान को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिन्दुस्तान एयरोनॉटिकल्स लिमिटेड (एचएएल) ने बनाया है। पहले दो साल तक यह स्क्वॉड्रन बेंगलुरू में रहेगा उसके बाद इसे तमिलनाडु के सुलूर में शिफ्ट किया जाएगा। तेजस अगले साल वायुसेना की लड़ाकू बेड़ों में भी नजर आएंगे और इसे अग्रिम चौकियों पर तैनात किया जाएगा। आइये बताते हैं तेजस की 10 खास बातें-
1- तेजस का निर्माण तो हिंदुस्तान में किया गया है लेकिन इसका इंजन अमेरिकन है। जबकि, रडार और इसके हथियार प्रणाली इस्त्रायली है जबकि इसकी इजेक्शन सीट ब्रिटिश है। इसके अलावा, और भी इसके कई अन्य पार्ट पूर्जे आयात किए गए हैं।
2- तेजस एक तरह से चीन और पाकिस्तान के संयुक्त रूप से बनाए गए लड़ाकू विमान जेएफ-17 थंडर की टक्कर का है। तेजस एक उड़ान में करीब 2300 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है जबकि थंडर 2,037 किलोमीटर की दूरी तय करने में सक्षम है।
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3- तेजस लाइट एयरक्राफ्ट करीब पचास हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर सकने में सक्षम है और इसके विंग्स 8.2 मीटर चौड़े हैं। इसकी लंबाई 13.2 मीटर और ऊंचाई 4.4 मीटर है। तेजस का वजन 6,560 किलोमीटर है।
4- तेजस की क्षमता कई मायनों में फ्रांस के मिराज 2000 जैसा है। इसका मल्टीरोल रडार अल्टा 2030 इस्त्राइल का बना हुआ है।
5- तेजस में ढाई हजार घंटे के सफर में तीन हजार किलोमीटर से ज्यादा उड़ाने भरी है।
6- इसमें सेंसर से मिलने वाले डेटा को प्रोसेस करनेवाले मिशन कंप्यूटर का हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर ओपन आर्किटेक्चर फ्रेमवर्क को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
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7- विमान का ढांचा कार्बन फाइबर से बना है जो धातु से कही ज्यादा हल्का और मजबूत होता है।
8- तेजस का रख-रखाव काफी सस्ता पड़ेगा। भारतीय वायुसेना के सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू विमान सुखोई 30 का रखरखाव काफी महंगा है।
9- सुखोई 30 के बेड़े में 60 फीसदी से भी कम विमान एक बार में मिशन के लिए मौजूद रहते हैं, बाकी दुरूस्त होते रहते हैं, जो चिंता की बात है। एचएएल का कहना है कि तेजस 70 फीसदी से ज्यादा समय के लिए उपलब्ध होगा और 80 फीसदी के लिए प्रयास जारी है।
10- वायुसेना ने कहा है कि इस वित्तीय वर्ष में कुल छह विमान और अगले वित्तीय वर्ष में करीब आठ विमान शामिल करने की योजना है।