राज्यसभा ने एक साल बाद किन्नरों के अधिकारों के संरक्षण और उन्हें भेदभाव से बचाने हेतु निजी सदस्य विधेयक को मंजूरी दे दी. 20 जुलाई 2016 को सरकार ने ऐसे व्यक्तियों के साथ भेदभाव को समाप्त करने और समान कानून बनाने को मंजूरी दे दी. संशोधन में सरकार ने ऐसे लोगों को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक रूप से सशक्त बनाने की प्रणाली विकसित की है.
ट्रांसजेंडर बिल के बारे में- इस बिल के माध्यम से ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के ख़िलाफ़ बड़ी संख्या में कलंक, भेदभाव के दुरुपयोग को कम करके हाशिए पर पड़े हुए इन लोगों को समाज की मुख्य धारा में शामिल किया जा सकेगा.ट्रांसजेंडर समुदाय क्योंकि वे ‘पुरुषों’ या ‘महिलाओं’ की श्रेणियों में फिट नहीं है इसलिए ये देश में सबसे वंचित समुदाय है.इन्हें समाज में सामाजिक बहिष्कार, भेदभाव, शिक्षा सुविधाओं, बेरोजगारी और चिकित्सा सुविधाओं की कमी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. पृष्ठभूमि-
निजी सदस्य विधेयक राज्यसभा सांसद तिरूचि शिवा द्वारा 24 अप्रैल, 2015 को राज्य सभा में पेश किया गया गया था.यह 45 साल में पहली बार है कि संसद के उच्च सदन ने एक निजी सदस्य विधेयक सदन द्वारा पारित किया गया.सदन में व्यापक विचार विमर्श के बाद लोकसभा में सरकार ने बिल लाने का आश्वासन दिया.गत वर्ष अप्रैल में इसी मसले पर राज्यसभा ने एक निजी बिल पास किया था.