अधिक घातक राइफल की मांग कर रही इंडियन आर्मी

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आर्मी ने नये जेनरेशन के राइफल के लिए फिर से प्रयासों को शुरू किया है। 5.56x45mm पावर वाले राइफल को रिजेक्ट करते हुए फोर्स ने अब अधिक क्षमता वाली बंदूक 7.62x51mm को लेने का निर्णय लिया।

सबमरीन से अत्याधुनिक हथियारों के सिस्टम को अधिकृत करने के रेस में आधारभूत हथियारों पर अधिक ध्यान नहीं दिया जाता है। लेकिन नये राइफल्स को लेने में पिछले दस सालों से विफल रहे आर्मी ने कहा कि इस बार हमारा मकसद बिजनेस है।

7.62mm राइफल्स के लिए RFI (request for information) जल्द ही जारी किया जाएगा। सूत्र ने बताया, ‘नीलामी आमंत्रित करने वाले वास्तविक टेंडर आ जाने के बाद ही राइफलों के लिए तकनीकी पैरामीटर को इसके बाद निर्दिष्ट किया जाएगा।‘ टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, अप्रैल में पहली बार आर्मी के कमांडरों ने कांफ्रेंस में यह चर्चा की थी कि फोर्स को 7.62mm राइफल की जरूरत है या नहीं।

अब 7.62x51mm राइफल के लिए निर्णय ले लिया गया है जिसकी मारक क्षमता 500 मीटर के रेंज तक है। अब तक मिलिट्री 5.56mm राइफल को कंवेंशनल लड़ाइयों के लिए बेहतर समझता था क्योंकि सामान्यत: यह दुश्मन सैनिकों को घायल कर देता था। कश्मीर और उत्तरपूर्व में ऑपरेशन के दौरान सैनिक अधिकांश तौर पर 7.62mm AK-47 राइफलों का उपयोग करते हैं।

1994-95 में आए पूरी तरह से ऑटोमैटिक एक्सकैलिबर 5.56x45mm राइफल इंसास (INSAS Indian small arms system)राइफल की तुलना में अधिक संशोधित हथियार है। लेकिन अब आर्मी 7.62mm राइफल चाहती है।

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