विद्यार्थियों के लिए बड़ी खबर, CBSE कर सकता है REVALUATION को खत्म

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विद्यार्थियों के लिए बड़ी खबर, CBSE कर सकता है REVALUATION को खत्म

रक्तिम तिवारी /अजमेर. ।

दो साल पहले शुरू हुई पुनर्मूल्यांकन सुविधा को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड खत्म कर सकता है। अव्वल तो 25 लाख विद्यार्थियों में से महज एक से डेढ़ लाख विद्यार्थियों के ही पुनर्मूल्यांकन के लिए आदो साल पहले शुरू हुई पुनर्मूल्यांकन सुविधा को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड खत्म कर सकता है। वेदन कर रहे हैं। तिस पर अंकों की गणना और जंची ही कॉपी की फोटो प्रति उपलब्ध कराने की सुविधा के चलते बोर्ड की गवर्निंग कौंसिल पुनर्मूल्यांकन के पक्ष में नहीं है। बोर्ड उच्च स्तरीय विशेषज्ञ कमेटी गठित कर इसके बारे में विचार करेगा।

बारहवीं के विद्यार्थियों के सुविधार्थ सीबीएसई ने वर्ष 2014-15 में पुनर्मूल्यांकन सुविधा शुरू की थी। इसके तहत विद्यार्थी इंग्लिश कोर, इंग्लिश इलेक्टिव (सीबीएसई और एनसीईआरटी), हिंदी कोर, हिंदी इलेक्टिव, गणित, फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायलॉजी, बिजनेस स्टडीज, इकॉनॉमिक्स एवं एकाउन्टेंसी विषय में पुनर्मूल्यांकन करा सकते हैं।

बोर्ड की गवर्निंग कौंसिल का मानना है, कि बीते दो साल में 25 लाख में से महज 1 से 1.50 लाख विद्यार्थियों ने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किए हैं। बोर्ड अंकों की गणना और जंची हुई कॉपी की फोटो स्टेट प्रति पहले ही उपलब्ध करा रहा है। ऐसे में अधिकांश विद्यार्थियों के परिणाम अंकों की गणना में सुधर रहे हैं। पुनर्मूल्यांकन व्यवस्था के लिए बोर्ड को शिक्षकों को अतिरिक्त पारिश्रमिक, संसाधनों की व्यवस्था करनी पड़ रही है।

व्यवस्था पर हो विचार

बोर्ड की गवर्निंग कौंसिल का मानना है, कि बारहवीं में शुरू की गई पुनर्मूल्यांकन व्यवस्था पर दोबारा विचार होना चाहिए। पूर्व में विद्यार्थियों को सिर्फ अंक गणना की सुविधा थी। इसके तहत विद्यार्थी की कॉपी दूसरे परीक्षकों से जंचवाई जाती थी। इसमें अंक बढऩे या घटने पर संशोधित अंकतालिका जारी की जाती थी। पुनर्मूल्यांकन व्यवस्था और अंकों की गणना में खास फर्क नहीं है। देश के कई राज्यों के माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में अंकों की गणना की व्यस्था है। वहां पुनर्मूल्यांकन की सुविधा नहीं है।

विशेषज्ञ कमेटी देगी सुझाव

बोर्ड पुनर्मूल्यांकन सुविधा को जारी रखने अथवा खत्म करने को लेकर एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ कमेटी गठित करेगा। कमेटी विद्यार्थियों, अभिभावकों, स्कूलों के प्राचार्यों और शिक्षकों से बातचीत कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके बाद गवर्निंग कौंसिल पुनर्मूल्यांक सुविधा पर विचार करेगी।

अभी यह है प्रावधान

मौजूदा वक्त विद्यार्थियों को तीन सुविधाएं मिलती है। पहली सुविधा के अन्तर्गत विद्यार्थी अंकों की गणना के ऑनलाइन आवेदन करते हैं। बोर्ड प्रति विषय 300 रुपए शुल्क लेता है। द्वितीय सुविधा के तहत अंकों की गणना के लिए आवेदन करने वाले विद्याथी जंची हुई कॉपियों की फोटो कॉपी के लिए आवेदन करते हैं। बोर्ड प्रति विषय 700 रुपए शुल्क लेता है। तीसरी सुविधा के तहत फोटो कॉपी लेने वाले विद्यार्थी पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन करते हैं।

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