सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थी अब एकेडमिक एजुकेशन के साथ-साथ वोकेशनल एजुकेशन भी प्राप्त कर सकेंगे। ऐसे में विद्यालयी शिक्षा पूरी करने के साथ ही युवाओं के हाथ में हुनर होगा, जिससे वे रोजगार प्राप्त कर सकेंगे।
व्यावसायिक शिक्षा के लिए राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान ने राजसमंद जिले से इस सत्र में 7 विद्यालयों का चयन किया है। माध्यमिक शिक्षा अधिकारी राजसमंद ने इन विद्यालयों में वोकेशनल एजुकेशन शुरू करने के लिए संस्था प्रधानों को 27 जून को आदेश भी जारी कर दिया है। वोकेशनल एजुकेशन के विभिन्न ट्रेड के अध्यापन के लिए संविदा के आधार पर शिक्षक रखे जाएंगे। साथ ही उपकरण भी राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की ओर से दिए जाएंगे। चयनित विद्यालयों में अलग से कक्ष भी तय किए गए हैं। प्रथम चरण में वोकेशनल एजुकेशन शुरू करने वाले विद्यालयों में कक्षा कक्षों की व्यवस्था पहले से जांच ली गई है।
इन विषयों का होगा पाठ्यक्रम
कार्यक्रम के तहत अभी चार टे्रड का अध्ययन करवाया जाएगा। इसमें ब्यूटी एण्ड वेलनेस, हेल्थकेयर, टे्रवल एण्ड टूरिज्म तथा इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रोनिक्स शामिल है। एक विद्यालय में अधिकतम दो टे्रड के अध्ययन की सुविधा दी गई है।
इन विद्यालयों में चलेगा पाठ्यक्रम
राबाउमावि आमेट में ट्रेड प्रथम में ब्यूटी एण्ड वेलनेस तथा टे्रड द्वितीय में हेल्थकेयर, राउमावि काछबली में टे्रड प्रथम में हेल्थकेयर तथा टे्रड द्वितीय में इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रोनिक्स, राउमावि पीपली नगर में टे्रड प्रथम में हेल्थकेयर तथा टे्रड द्वितीय में इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रोनिक्स, राउमावि शिशोदा में टे्रड प्रथम में टे्रवल एण्ड टूरिज्म तथा द्वितीय में ब्यूटी एण्ड वेलनेस, राउमावि गांवगुड़ा में टे्रड प्रथम में टे्रवल एण्ड टूरिज्म तथा द्वितीय में ब्यूटी एण्ड वेलनेस, राबाउमावि कांकरोली व आमेट में टे्रड प्रथम में ब्यूटी एण्ड वेलनेस तथा टे्रड द्वितीय में हेल्थकेयर, राउमावि मोही में टे्रड प्रथम में टे्रवल एण्ड टूरिज्म तथा द्वितीय में ब्यूटी एण्ड वेलनेस का पाठ्यक्रम चलेगा।
चार साल का पाठ्यक्रम व सातवां विषय
चयनित विद्यालयों में कक्षा नौ के विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा में प्रवेश मिलेगा। इसके लिए पच्चीस-पच्चीस के दो बैच बनेंगे। यह प्रशिक्षण कक्षा नौ से बारह के दौरान चार साल चलेगा। इसका अध्यापन सातवें विषय के रूप में करवाया जाएगा। चयनित विद्यार्थियों की सूची का अनुमोदन संस्था प्रधानों को एसडीएमसी से करवाना होगा।