रेलवे की लिखित परीक्षा व दक्षता टेस्ट की बाधा पार करने के बावजूद नौकरी से वंचित रहे सैकड़ों अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी। दस्तावेजों की कमी की वजह से हाथ से लगभग फिसल चुकी नौकरी से संबंधित चार से आठ वर्ष पुराने प्रकरणों को रेलवे बोर्ड ने हरी झंडी दिखा दी है। नौकरी की उम्मीद छोड़ चुके देश भर में एेसे सैकड़ों अभ्यर्थियों को अब जल्दी ही नियुक्ति पत्र का तोहफा मिलेगा। रेलवे भर्ती बोर्ड की ओर से विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की जाती है।
दक्षता परीक्षा और दस्तावेज सत्यापन के बाद अंतिम रूप से परिणाम जारी करते समय दस्तावेजों की कमी के कारण कुछ अभ्यर्थियों का परिणाम रोक लिया जाता है। नई परीक्षाओं और नए पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया के चलते पुराने पड़ चुके इन मामलों का समाधान नहीं हो पाता।अधिकांश मामलों में अभ्यर्थियों की लापरवाही और लेटलतीफी नौकरी न मिलने का बड़ा कारण रहती है। दस्तावेज सत्यापन के समय अनेक अभ्यर्थियों के दस्तावेजों में कमियां रह जाती है। जाति संबंधी प्रमाण-पत्र, प्रशिक्षण संस्था की ओर से जारी प्रमाण-पत्र , शैक्षणिक योग्यता सहित अनेक बार जन्म तिथि संबंधी प्रमाण-पत्रों में असंमजस की वजह से अभ्यर्थियों को मान्य प्रमाण-पत्र भिजवाने की हिदायत के साथ परिणाम रोक दिया जाता है।
भर्ती बोर्ड अधिकारियों के अनुसार कई अभ्यर्थी समय पर दस्तावेज नहीं भिजवा पाते। कई बार डाक द्वारा भेजे दस्तावेज भी गायब हो जाते हैं। हालांकि कुछ मामलों में संबंधित भर्ती बोर्ड प्रशासन भी दस्तावेज मिलने के बावजूद पुराने पड़ चुके इन मामलों को निस्तारित करने में रुचि नहीं दिखाता।
रेलवे बोर्ड ने दी सहमति
भर्ती बोर्ड अध्यक्ष आर. के. जैन ने बताया कि अजमेर रेलवे भर्ती बोर्ड में इस तरह के लगभग 150 से अधिक मामले हंै। कुछ प्रकरण तो 2008 की परीक्षाओं के भी लंबित है। अलबत्ता 2011-12 की परीक्षाओं के लंबित प्रकरणों की संख्या अधिक है। अमूमन पुराने हो चुके एेसे प्रकरणों पर रेलवे बोर्ड भी आपत्ति करता है जिस वजह से अभ्यर्थियों को नौकरी मिलना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने बताया कि अभ्यर्थियो के भविष्य को देखते हुए पुरानी फाइलें खोलकर मामले रेलवे बोर्ड भिजवा दिए। बोर्ड ने भी सकारात्मक निर्णय लेकर मामले निस्तारित करने के आदेश दे दिए हैं। अगले एक दो माह में सभी मामले निस्तारित कर दिए जाएंगे।
पिछला
अगला