नई शिक्षा नीति : खत्म होगी 8वीं तक बच्चों को फेल न करने की पॉलिसी
नई शिक्षा नीति के अंतर्गत में आठवीं तक के छात्रों के फेल नहीं करने की नीति को खत्म किए जाने की बात कही गई है.
बुधवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मसौदे के अहम बिंदु जारी किए गए. केंद्र सरकार के ट्विटर हैंडल माईगोव इंडिया पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से जारी अहम बिंदु में स्कूलों में छात्रों के सीखने के स्तर पर गंभीर चिंता जताई गई है.
इसमें कहा गया है कि आठवीं तक बच्चों को फेल नहीं करने की मौजूदा नीति को बदला जाएगा क्योंकि इससे छात्रों के अकादमिक प्रदर्शन पर गंभीर असर पड़ा है. इसे पांचवीं तक सीमित किया जाएगा. प्रस्ताव किया गया कि सभी राज्य छात्रों को पांचवीं तक की शिक्षा उनकी मातृभाषा अथवा स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा में दें.
इसी तरह अंग्रेजी के महत्व को बताते हुए इसे दूसरी भाषा का दर्जा देने की सिफारिश की गई है. व्यापक स्तर पर ओपन ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू करने की जरूरत पर ध्यान देते हुए इस काम के लिए अलग से स्वायत्त संस्थान शुरू करने की सिफारिश की है.
वहीं प्रस्ताव किया गया है कि आईएएस और आईपीएस की तरह शिक्षा व्यवस्था के लिए अलग अखिल भारतीय कैडर तैयार किया जाए जिसका नियंत्रण मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पास हो.
इससे पहले मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा तैयार करने के लिए पूर्व कैबिनेट सचिव टीएसआर सुब्रह्मण्यम की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी. लेकिन उनके अनुरोध के बावजूद एचआरडी मंत्री स्मृति ईरानी ने उनकी रिपोर्ट सार्वजनिक करने से इंकार कर दिया था. उन्होंने कहा था कि मसौदा तभी जारी होगा, जब राज्यों से एक बार फिर संपर्क कर लिया जाएगा.
हालांकि, मसौदे में यह साफ नहीं किया कि बिंदु कैसे तैयार किए गए. पूर्व इसमें कैबिनेट सचिव टीएसआर सुब्रह्मण्यम की अध्यक्षता में बनाई गई मसौदा समिति की रिपोर्ट की कोई चर्चा नहीं है. न ही यह बताया गया कि इसे जारी करने से पहले राज्यों से कोई चर्चा हुई या नहीं.