असम के गुवाहाटी में आयोजित 2016 ब्रिक्स युवा शिखर सम्मेलन 2016 समाप्त हो गया. 1 जुलाई 2016 को आरंभ हुए इस सम्मेलन का थीम था–अंतर–ब्रिक्स आदान-प्रदान के लिए पुल के तौर पर युवा (“Youth as bridge for Intra-BRICS Exchanges”).
तीन दिनों तक चले इस शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स देशों–ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के कई अधिकारियों और युवा प्रतिनिधिमंडलों ने हिस्सा लिया.
शिखर सम्मेलन का समापन कुछ खास अनुशंसाओं के साथ हुआ और वे हैं–
कौशल विकास एवं उद्यमिता के लिए अनुशंसाएं–
• मौजूदा ब्रिस संस्थानों में प्रशिक्षु कार्यक्रम बनाना और उन्हें मजबूत करना.
• ब्रिक्स देशों के बीच सफल दस्तावेजों एवं सफल कहानियों का प्रसार करना.
• ब्रिक्स देशों के बीच गुरु एवं शिष्यों के बीच कौशलों के हस्तांतरण की सुविधा देना.
• ब्रिक्स देशों के बीच युवाओं के लिए अच्छी नौकरी सुनिश्चित करना.
• ब्रिक्स देशों में नो अबाउट बिजनेस एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम (Know About Business (KAB) entrepreneurship programme) को बढ़ावा देना और उसे दोहराना.
• व्यापार विकास सेवाओँ, व्यापार योजनाओं और वेबसाइट डेवलपमेंट पर लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए प्रशिक्षण प्रदान करना.
• सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान -प्रदान, नई प्रौद्योगिकियों एवं वित्तीय समर्थन की सुविधा हेतु युवाओं एवं युवा उद्यमियों के नियमित प्रदर्शनियों को तैयार करना और उसे बढ़ावा देना.
सामाजिक समावेशन के लिए अनुशंसाएं
• ब्रिक्स देशों में सामाजिक समावेशन गंभीर चिंता का विषय है. इसलिए हाशिए पर खड़े और कमजोर युवाओँ की प्राथमिकता तय करने हेतु पहल करना अनिवार्य है ताकि उन तक प्रजनन स्वास्थ्य एवं सामाजिक संरक्षण सेवाओं समेत शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा की पहुंच सुनिश्चित की जा सके.
• ब्रिक्स देशों में युवाओँ के साथ काम करने वाले पेशेवरों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रमों की शुरुआत करना.
• ब्रिक्स समाजिक विज्ञान युवा अनुसंधान नेटवर्क तैयार करना.
युवा स्वयंसेवा के लिए अनुशंसाएं
युवा स्वयंसेवियों के मूल्यों को बढ़ाने के लिए-
• नेतृत्व के विकास के लिए अवसरों तक पहुंच हेतु सीखने की सुविधा.
• ब्रिक्स देशों में स्वीकृति के लिए मान्यताप्राप्त युवा स्वयंसेवी कार्यक्रम.
• सर्वोत्तम प्रथाओं, अवसरों और अच्छे काम को मान्यता प्रदान करने के लिए ऑनलाइन मंच बनाना.
ब्रिक्स देशों में संरचित स्वयंसेवा और नागरिक सेवा परियोजनाओं के माध्यम से स्वयंसेवा पर आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के क्रम में–

• एकीकृत मानकों के साथ स्वयंसेवी आदान– प्रदान कार्यक्रमों का डिजाइन तैयार करना और उसकी सुविधा प्रदान करना.
• आधिकारिक संस्थानों में इंटर्नशिप समेत स्वयंसेवकों को सीखने के अनुभवों को समृद्ध करने के लिए अवसर प्रदान करना.
• स्वयंसेवक कार्यक्रमों का प्रबंधन करने वाले पेशेवरों की क्षमता विकसित करना.
प्रशासन में युवाओं की भागीदारी पर अनुशंसाएं–
• ब्रिक्स देशों में युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम तैयार करने और रोड मैप को व्यवस्थित करने के लिए संबंधित देशों में ब्रिक्स समर स्कूल मॉडल को बढ़ावा देना और युवाओं को भागीदारी करने के लिए अवसर मुहैया कराना.
• प्रशासन एवं निर्णय लेने में युवाओं की भागीदारी के लिए मौजूदा अवसरों में समन्वय स्थापित करना और नई अवसर पैदा करना.
• सरकारी नीति, कार्यक्रम तैयार करने और निगरानी एवं मूल्यांकन में क्षमताओं की सुविधा एवं युवाओं की भागीदारी.
• सरकारी नीति, प्रशासन एवं स्कूल के पाठ्यक्रम में नागरिकों की संलिप्तता पर पाठ शामिल करने की वकालत करना.
• न्यूनतम दो-तिहाई युवा भागीदारी के सथ ब्रिक्स युवा परिषद (बीवाईसी) बनाने की संभावनाओं का पता लगाना.
कार्यान्वयन का तरीका
• न्यू डेवलपमेंट बैंक से ब्रिक्स देशों द्वारा प्रस्ताव के अनुसार युवा पहलों के लिए वित्तीय समर्थन प्रदान करने की अपील करना.
• चार विषयगत क्षेत्रों में एक्सचेंज प्रोग्रामों का डिजाइन तैयार करना और सुविधा प्रदान करना.
• ब्रिक्स युवा सचिवालय की शुरुआत में आभासी रुप में स्थापना. इसमें प्रत्येक देश से एक सरकारी अधिकारी और एक युवा प्रतिनिधि होगा जो ब्रिक्स युवा शिखरसम्मेलनों में सहमत हुए युवा पहलों को वास्तविकता में बदलना सुनिश्चित करेंगे.
• सर्वोत्तम प्रथाओं और अवसरों को साझा करने के लिए ऑनलाइन मंच तैयार करना.
• अगले ब्रिक्स युवा शिखर सम्मेलन में प्रगति पर रिपोर्ट पेश करना.
पहला ब्रिक्स युवा शिखर सम्मेलन रूस के कर्जान में 2015 में हुआ था.