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रेलवे कर्मचारियों के लिए शिकायत निवारण पोर्टल

रेलवे कर्मचारियों के लिए शिकायत निवारण पोर्टल

डिजिटल इंडिया के मोदी सरकार के सपने को हर तरह से पूरा करने के इरादे से रेलवे ने अपने कर्मचारियों की शिकायतों के निवारण के लिए 'निवारण' पोर्टल की शुरुआत की. इस पोर्टल को रेलवे पीएसयू क्रिस ने डिजाइन किया है.

गुरुवार को निवारण पोर्टल को लॉन्च करते हुए रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि इस डिजिटल प्लेटफॉर्म से जहां एक तरफ कर्मचारियों की शिकायतों का निदान किया जा सकेगा तो वहीं दूसरी तरफ इस बात का भी पता चलेगा कि किस विभाग में कितनी परेशानियां आ रही हैं.

गुड़गांव रेलवे स्टेशन का नाम बदला जाएगा
इससे पहले रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेल भवन से वीडियो-कॉन्फ्रेंस के जरिए गुड़गांव स्टेशन पर इम्‍प्रूव्ड यात्री सुविधाओं, न्यू डीलक्स शौचालय एरिया का प्रोविजन और न्यू प्लेटफार्म शेल्टर्स आदि में अतिरिक्त स्टेशन परिक्षेत्र के मुख्य प्रवेश द्वार के जरिए स्टेशन में सुधार और न्यू स्टेनलेस स्टील के छोटे प्लेटफार्म शेल्‍टर्स, डस्टबिन के प्रोविजन के अतिरिक्त री-फरबिस्ड प्लेटफार्मों का लोकार्पण किया. इस मौके पर गुड़ग्राम स्टेशन पर फुट ओवर ब्रिज तथा फारुखनगर में ऑटो कार लोडिंग सुविधा के लिए भी शिलान्यास किया. रेलमंत्री ने कहा कि अब गुड़गांव का नाम गुड़ग्राम हो गया है और इसी तर्ज पर रेलवे स्टेशन का नाम भी बदला जाएगा.

गुड़गांव स्टेशन पर आयोजित समारोह के अवसर पर राज्य रक्षामंत्री, राव इन्द्रजीत सिंह, पूर्व मेयर, उमेश अग्रवाल, विधायक पटौदी विमला चौधरी और पूर्व उप मेयर गुड़गांव परमिंदर कटारिया मौजूद रहे.

गुड़गांव रेलवे स्टेशन को आधुनिक स्टेशन में विकसित करने का प्रयास
राजधानी शहर के आस-पास के क्षेत्रों में तेज गति से विकास तथा डेमोग्रेफिक वृद्धि के मद्देनजर उत्तर रेलवे ने इस स्टेशन को आधुनिक स्टेशन में विकसित करने का प्रयास किया है. गुड़गांव रेलवे स्टेशन पर कई यात्री अनुकूल सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं जो इस शहर में काफी लोकप्रिय भी हुई हैं. इस स्टेशन का सौन्दर्य बढ़ाने के साथ-साथ यात्रियों की सुविधा के लिए निम्न यात्री सुविधाएं भी उपलब्‍ध कराई गई हैं. इम्प्रूव्ड मेन प्रवेश द्वार, स्ट्रीमलाइन्ड पार्किंग, ट्रैफिक नियंत्रण सिस्टम सहित इम्प्रूव्ड स्टेशन परिक्षेत्र पर 98 लाख रुपये खर्च आया है. स्टेशन प्रवेश द्वार को बहुत ही आकर्षक रूप दिया गया है. स्टेशन परिक्षेत्र में महिलाओं, पुरुषों और विकलांगों के लिए न्यू शौचालय ब्लॉक तथा गुड़गांव में सीएसआर परियोजना के तहत प्लेटफार्मों के सुधार कार्य में मेसर्स राइटस लिमिटेड ने 53 लाख का योगदान दिया है.

दूसरे प्रवेश को उपयोगी बनाने के लिए प्लेटफार्म नंबर 1 से आउट साइड यार्ड तक 4.5 मीटर चौड़ा फुट ओवर ब्रिज का शीघ्र निर्माण नगर निगम गुड़गांव की सहभागीदारी के आधार पर किया जाएगा. जिस पर अनुमानित लागत 4.5 करोड़ रुपये आएगी.

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यह कैसी UNIVERSITY , हैल्पलाइन नम्बर का अता-पता नहीं, विद्यार्थी भुगत रहे नुकसान

यह कैसी UNIVERSITY , हैल्पलाइन नम्बर का अता-पता नहीं, विद्यार्थी भुगत रहे नुकसान

अजमेर. ।

यूजीसी के निर्देशों को महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय 'ठेंगा दिखा रहा है। विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों के लिए 24 घंटे हैल्पलाइन शुरू नहीं की है। वेबसाइट पर भी शिकायत दर्ज कराने और हैल्पलाइन का कोई प्रावधान नहीं रखा गया है, जबकि नया सत्र शुक्रवार से शुरू होने वाला है।

यूजीसी ने देश के सभी केंद्रीय और राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों के लिए 24 घंटे की हैेल्पलाइन सेवा शुरू करने के निर्देश दिए हैं, ताकि विद्यार्थी को पाठ्यक्रमों की जानकारी, आवेदन, तकनीकी समस्याओं, शिकायतें दर्ज कराने जैसी सुविधा मिल सके। मदस विश्वविद्यालय ने इसकी अनुपालना नहीं की है। ऑनलाइन आवेदन की शुरुआत करने के बावजूद विश्वविद्यालय ने हैल्पलाइन शुरू नहीं की है।

वेबसाइट पर नहीं प्रावधान

विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर हैल्प लाइन नंबर नहीं दिया गया है। विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन शिकायत देने का प्रावधान भी नहीं रखा गया है। यूजीसी और मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने निर्भया कांड के बाद सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों को वेबसाइट पर ऑनलाइन शिकायत लेने, सुझाव पेटियां लगवाने के निर्देश दिए थे।

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7वां वेतन आयोग: केंद्रीय कर्मचारियों को होगा इतना लाभ, ऐसे होगा भुगतान

7वां वेतन आयोग: केंद्रीय कर्मचारियों को होगा इतना लाभ, ऐसे होगा भुगतान

नई दिल्ली (जेएनएन)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को वेतन और पेंशन लाभों पर सातवें केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) की सिफारिशों को लागू करने को अपनी मंजूरी दी जिसे 1 जनवरी, 2016 से ही प्रभावी माना जाएगा।

कैबिनेट के निर्णयानुसार, वेतन एवं पेंशन लाभों की बकाया राशि का भुगतान चालू वित्त वर्ष (2016-17) के दौरान ही कर दिया जाएगा, जबकि इससे पहले बकाया राशि के कुछ हिस्सों का भुगतान अगले वित्त वर्ष में किया जाता था। वित्त मंत्रालय द्वारा सातवें वेतन आयोग पर 11 बिंदुओं का एक बयान जारी किया गया है, जिसका विवरण इस प्रकार है-

पे बैंड एवं ग्रेड पे की वर्तमान प्रणाली समाप्त कर दी गई है और आयोग की सिफारिश के अनुरूप एक नई वेतन संरचना (पे मैट्रिक्स) को मंजूरी दी गई है। अब से कर्मचारी के दर्जे का निर्धारण पे मैट्रिक्स में उसके स्तर के आधार पर होगा, जबकि अभी तक ग्रेड पे के अनुसार इसका निर्धारण होता था। अलग-अलग वेतन संरचनाएं असैन्य (सिविलयन), रक्षा कार्मिकों और सैन्य नर्सिंग सेवा के लिए तैयार की गई हैं। इन संरचनाओं के पीछे सिद्धांत और तर्क एक समान हैं।
सभी वर्तमान स्तरों को नये ढांचे में समाहित कर दिया गया है। कोई नया स्तर शुरू नहीं किया गया है और न ही किसी स्तर को हटाया गया है। वेतन संरचना के हर स्तर पर न्यूनतम वेतन तय करने के लिए सुव्यवस्थीकरण के सूचकांक को मंजूरी दी गई है, जो वरिष्ठता क्रम में हर कदम पर बढ़ती भूमिका, जिम्मेदारी और जवाबदेही पर निर्भर करता है।
न्यूनतम वेतन को 7000 रुपये से बढ़ाकर 18000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। न्यूनतम स्तर पर किसी भी नवनियुक्त कर्मचारी का शुरुआती वेतन अब 18000 रुपये होगा, जबकि नवनियुक्त ‘क्लास I’ अधिकारी का शुरुआती वेतन 56100 रुपये होगा।
वेतन एवं पेंशन में संशोधन के उद्देश्य से 2.57 का फिटमेंट फैक्टर वेतन संरचनाओं में शामिल सभी स्तरों पर लागू होगा। प्रचलित दर पर डीए को शामिल करने के बाद सभी सरकारी कर्मचारियों/पेंशनभोगियों के वेतन/पेंशन में 1 जनवरी, 2016 को कम से कम 14.29 प्रतिशत की बढ़त दर्ज हो जाएगी।
वेतन वृद्धि की दर को 3 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। उच्च मूल वेतन की बदौलत कर्मचारी भविष्य में लाभान्वित होंगे, क्योंकि भविष्य में उनके वेतन में जो वार्षिक वृद्धि होगी वह वर्तमान के मुकाबले 2.57 गुना ज्यादा होगी।
कैबिनेट ने स्तर 13ए (ब्रिगेडियर) के लिए सुव्यवस्थीकरण सूचकांक में वृद्धि कर और स्तर 12ए (ले.कर्नल), 13 (कर्नल) और 13ए (ब्रिगेडियर) में अतिरिक्त स्तर (स्टेज) सुनिश्चित करके रक्षा संबंधी वेतन संरचना को और बेहतर कर दिया है, ताकि संबंधित स्तरों के अधिकतम पायदान पर संयुक्त सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के समकक्षों के साथ समता लाई जा सके।
रक्षा और संयुक्त सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कार्मिकों समेत विभिन्न कर्मचारियों पर असर डालने वाले कुछ अन्य निर्णय भी लिए गए हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं- (I) ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई है। जब भी डीए 50 प्रतिशत बढ़ जाएगा तब ग्रेच्युटी की सीमा 25 प्रतिशत बढ़ जाएगी। (II) असैन्य एवं रक्षा कार्मिकों के लिए अनुग्रह राशि एकमुश्त मुआवजे के भुगतान हेतु एक आम व्यवस्था की गई है, जो उनके परिजनों को देय होगा और इसके तहत वर्तमान दरों को विभिन्न श्रेणियों के लिए 10-20 लाख रुपये से बढ़ाकर 25-45 लाख रुपये कर दिया गया है। (III) रक्षा बलों के कर्मियों की विभिन्न श्रेणियों के लिए सैन्य सेवा वेतन की दरें 1000, 2000, 4200 एवं 6000 रुपये से संशोधित करके क्रमश: 3600, 5200, 10800 एवं 15500 रुपये कर दी गई हैं।
कैबिनेट ने आवास निर्माण से जुड़ी अग्रिम राशि को 7.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने संबंधी आयोग की सिफारिश को भी मंजूरी दे दी है। कर्मचारियों को कोई दिक्कत न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए 4 ब्याज मुक्त अग्रिमों को बरकरार रखा गया है, जिनमें चिकित्सा इलाज के लिए अग्रिम, टूर/स्थानांतरण के लिए टीए, मृतक कर्मचारियों के परिवार के लिए टीए और एलटीसी शामिल हैं। अन्य सभी ब्याज मुक्त अग्रिमों को समाप्त कर दिया गया है।
कैबिनेट ने केंद्र सरकार कर्मचारी समूह बीमा योजना (सीजीईजीआईएस) में किए जाने वाले मासिक अंशदान में भारी वृद्धि करने की सिफारिश को भी न मानने का निर्णय लिया है, जैसी कि आयोग ने सिफारिश की थी।
आयोग ने कुल मिलाकर 196 वर्तमान भत्तों पर गौर किया और इन्हें तर्कसंगत बनाने के उद्देश्य से 51 भत्तों को समाप्त करने और 37 भत्तों को समाहित करने की सिफारिश की है।
सातवें सीपीसी द्वारा लगाए गए अनुमान के मुताबिक, वर्ष 2016-1

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आईआईटी के टॉप 100 की पहली पसंद मुंबई, दूसरे नंबर पर रहा दिल्ली

आईआईटी के टॉप 100 की पहली पसंद मुंबई, दूसरे नंबर पर रहा दिल्ली

आईआईटी के टॉप 100 छात्रों ने इस बार भी मुंबई को अपनी पहली पसंद के तौर पर चुना है जबकि दिल्ली छात्रों के पसंद के मामले में दूसरे नंबर पर रहा।

मुंबई। आईआईटी मुंबई को इस साल भी आईआईटी के 100 टॉपर में से सबसे ज्यादा 67 टॉपर मिलने जा रहे हैं। छात्रों ने इस साल इंजीनियरिंग के लिए पोवई कैम्पस को चुना है। जबकि बीते साल ये 65 टॉपरों की पहली पसंद बना था।

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक आईआईटी दिल्ली इस साल भी छात्रों की दूसरी पसंद बना हुआ है। लेकिन इस साल 30 की बजाए दिल्ली को 28 टॉपर मिले हैं। बाकि बचे पांच छात्रों ने आईआईटी मद्रास, कानपुर को चुना है। हैरानी की बात है कि आईआईटी मद्रास और कानपुर टॉप 100 छात्रों में से किसी की भी पसंद नहीं बना।

संयुक्त सीट आवंटन प्राधिकरण(जोसा) ने गुरुवार को काउंसलिंग के पहली राउंड के रिजल्ट घोषित किए। आईआईटी मुंबई और दिल्ली हाई रैंक वाले छात्रों की पहली पसंद बना है हालांकि आईआईटी खड़गपुर और मद्रास को एडमिशन के लिए 33,500 छात्रों की एप्लिकेशन मिली है।

आईआईटी खड़गपुर को प्रत्येक 1341 सीटों में 224 सीटे आवेदन मिले हैं, जबकि चेन्नई में प्रत्येक सीट पर 221 उम्मीदवार थे। आईआईटी दिल्ली में प्रतेयक सीट पर 190 और मुंबई में 161 दावेदार थे। आईआईटी कानपुर में पिछले साल 75 की बजाए इस साल 56 छात्रों को सीट अलॉट की है।

आईआईटी हैदराबाद को दो और गांधीनगर को एक छात्र मिला है। टॉप 100 में से 37 छात्र आईआईटी मुंबई जोन के ही है जिसके कारण ये ज्यादातर छात्रों की

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DAILY AVKAR G.K DATE - 01/07/2016

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GPSC DEPUTY SECTION OFFICER DEPUTY MAMLATDAR REQUIREMENT 685 POST- 2016

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STAFF NURSE ANSWER KEY

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रिसर्च : एलईडी की नीली रोशनी से मानव शरीर को हो सकता हैं खतरा.

रिसर्च : एलईडी की नीली रोशनी से मानव शरीर को हो सकता हैं खतरा

अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (एएमए) द्वारा 14 जून 2016 को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार लाइट एमिटिंग डियोड्स (एलईडी) द्वारा निकलने वाली रोशनी मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है. एएमए ने अमेरिका की सड़कों पर लगाई गयी एलईडी प्रकाश व्यवस्था पर अध्ययन किया.

एएमए ने एलईडी का चुनाव करने के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किये ताकि इसके मानव और पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को कम किया जा सके.

एलईडी के प्रभाव

• यह नीली रोशनी मानवीय आँखों से सफेद दिखती है जिसका रात के समय आँखों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.

• तेज़ नीली रोशनी से देखने की क्षमता में कमी तथा एकाग्रता भी प्रभावित होती है.

• सड़कों पर लगाई गयी नीली रोशनी का ड्राइवरों पर भी प्रभाव पड़ता है जिससे वाहन चलाते समय आँखें चौंधिया सकती हैं.

• यह देखा गया है कि एलईडी बल्ब की तुलना में साधारण रोशनी में सोने पर पांच गुना बेहतर परिणाम दिखाई देता है.

• इसका प्रभाव केवल मनुष्यों पर ही नहीं पड़ता अपितु जो प्राणी अंधेरे में रहना पसंद करते हैं उनके जीवन पर इसका सीधा असर पड़ता है. इनमें पक्षी, कीड़े-मकोड़े, कछुआ तथा मछलियों की कुछ प्रजातियां शामिल हैं जिन्हें एलईडी के कारण समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

इससे पहले किये गए कुछ अध्ययनों में भी इसी प्रकार के आंकड़े प्रस्तुत किये गये थे. इसमें पाया गया कि जिन घरों में तेज़ रोशनी की जाती है वहां लोगों की निद्रा की अवधि कम हो गयी है. पूरी नींद नहीं लेने से लोगों में क्रोध, चिडचिडापन एवं मोटापे जैसी बीमारियां भी घर करती जा रही हैं.

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नई शिक्षा नीति : खत्म होगी 8वीं तक बच्चों को फेल न करने की पॉलिसी

नई शिक्षा नीति : खत्म होगी 8वीं तक बच्चों को फेल न करने की पॉलिसी

नई शिक्षा नीति के अंतर्गत में आठवीं तक के छात्रों के फेल नहीं करने की नीति को खत्म किए जाने की बात कही गई है.

बुधवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मसौदे के अहम बिंदु जारी किए गए. केंद्र सरकार के ट्विटर हैंडल माईगोव इंडिया पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से जारी अहम बिंदु में स्कूलों में छात्रों के सीखने के स्तर पर गंभीर चिंता जताई गई है.

इसमें कहा गया है कि आठवीं तक बच्चों को फेल नहीं करने की मौजूदा नीति को बदला जाएगा क्योंकि इससे छात्रों के अकादमिक प्रदर्शन पर गंभीर असर पड़ा है. इसे पांचवीं तक सीमित किया जाएगा. प्रस्ताव किया गया कि सभी राज्य छात्रों को पांचवीं तक की शिक्षा उनकी मातृभाषा अथवा स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा में दें.

इसी तरह अंग्रेजी के महत्व को बताते हुए इसे दूसरी भाषा का दर्जा देने की सिफारिश की गई है. व्यापक स्तर पर ओपन ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू करने की जरूरत पर ध्यान देते हुए इस काम के लिए अलग से स्वायत्त संस्थान शुरू करने की सिफारिश की है.

वहीं प्रस्ताव किया गया है कि आईएएस और आईपीएस की तरह शिक्षा व्यवस्था के लिए अलग अखिल भारतीय कैडर तैयार किया जाए जिसका नियंत्रण मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पास हो.

इससे पहले मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा तैयार करने के लिए पूर्व कैबिनेट सचिव टीएसआर सुब्रह्मण्यम की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी. लेकिन उनके अनुरोध के बावजूद एचआरडी मंत्री स्मृति ईरानी ने उनकी रिपोर्ट सार्वजनिक करने से इंकार कर दिया था. उन्होंने कहा था कि मसौदा तभी जारी होगा, जब राज्यों से एक बार फिर संपर्क कर लिया जाएगा.

हालांकि, मसौदे में यह साफ नहीं किया कि बिंदु कैसे तैयार किए गए. पूर्व इसमें कैबिनेट सचिव टीएसआर सुब्रह्मण्यम की अध्यक्षता में बनाई गई मसौदा समिति की रिपोर्ट की कोई चर्चा नहीं है. न ही यह बताया गया कि इसे जारी करने से पहले राज्यों से कोई चर्चा हुई या नहीं.

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बस, परीक्षा में पास हो और करो नासा की सैर

बस, परीक्षा में पास हो और करो नासा की सैर

उदयपुर. ।

आईआईटी गुवाहाटी के पूर्व छात्रों की ओर से टेक्नोथ्लॉन परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें पास होने पर विद्यार्थियों को नासा की यात्रा का मौका मिलेगा। परीक्षा 17 जुलाई को देशभर में कराई जाएगी, जिसमें कक्षा 9 से 12वीं तक के विद्यार्थी भाग ले सकते हैं। परीक्षा देश के 200 शहरों में होगी।

एसआईटी के लवीश माहेश्वरी ने बताया कि ऑफलाइन होने वाली इस परीक्षा में पास होने पर आईआईटी गुवाहाटी की ओर से 1 से 4 सितम्बर तक आयोजित किए जाने वाले वार्षिक तकनीकी महोत्सव में भाग लेना का मौका मिलेगा। छात्र यहां रोबोटिक व एरोमॉडलिंग जैसी स्पद्र्धाओं में भाग ले सकेंगे। साथ ही चयनित बच्चों को नि:शुल्क यात्रा का मौका मिलेगा।

परीक्षा में भाग लेने के लिए ऑफलाइन व ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा। माहेश्वरी ने बताया कि इस परीक्षा में टीम के साथ भाग लिया जा सकता है। अंग्रेजी व हिंदी दोनों माध्यमों में आयोजित होने वाली इस परीक्षा में विद्यार्थी 100 रुपए के पंजीकरण शुल्क के साथ अपना पंजीकरण करा सकता है।

परीक्षा में भाग लेने वाले सर्वश्रेष्ठ 250 बच्चों को गोल्ड व सिल्वर सर्टिफिकेट प्रदान किए जाएंगे। परीक्षा में 50 मुख्य टीमों का मुख्य चरण के लिए चयन किया जाएगा। छात्र technothlon.techniche.org पर पंजीयन कराएं।

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प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हैं उपयोगी : भारत के विभिन्न राज्यों के राज्य पशु और पक्षी

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हैं उपयोगी : भारत के विभिन्न राज्यों के राज्य पशु और पक्षी

भारत के विभिन्न राज्यों के पशु -

अरुणाचल प्रदेश का राज्य पशु - मिथुन (Mithun)
छत्तीसगढ़ का राज्य पशु - जंगली भैंस (Wild Buffalo)
हरियाणा का राज्य पशु - नीलगाय (Nilgai)
झारखण्ड का राज्य पशु - हाथी (Elephant)
मध्य प्रदेश का राज्य पशु - दलदली हिरण (Swamp Deer)
मेघालय का राज्य पशु - क्लॉउडेड लेपर्ड (Clouded Leopard)
उड़ीसा का राज्य पशु - हाथी (Elephant)
सिक्किम का राज्य पशु - लाल पांडा (Red Panda)

उत्तराखंड का राज्य पशु - कस्तूरी हिरन (Musk Deer)
असम का राज्य पशु - एक सींग वाला गैंडा (One Horned Rhinoceros)
गोवा का राज्य पशु - गौर (Gaur)
हिमाचल प्रदेश का राज्य पशु - हिमप्रदेशीय तेंदुआ (Snow Leopard)
कर्नाटक का राज्य पशु - हाथी (Elephant)
महाराष्ट्र का राज्य पशु - विशालकाय गिलहरी (Giant Squirrel)
मिजोरम का राज्य पशु - पहाड़ी गिब्बन (Hillock Gibbon)
पंजाब का राज्य पशु - काला हिरन (Black Buck)
तमिलनाडु का राज्य पशु - नीलगिरि तहर (Nilgiri Tahr)

उत्तर प्रदेश का राज्य पशु - दलदली हिरण (Swamp Deer)
बिहार का राज्य पशु - गौर (Gaur)
गुजरात का राज्य पशु - एशियाई शेर (Asiatic Lion)
जम्मू-कश्मीर का राज्य पशु - हंगुल (Hangul)
केरल का राज्य पशु - हाथी (Elephant)
मणिपुर का राज्य पशु - संगाई (Sangai)
नागालैंड का राज्य पशु - मिथुन (Mithun)
राजस्थान का राज्य पशु - ऊंट (Camel)
त्रिपुरा का राज्य पशु - फेयरी लंगूर (Phayres Langur)
पश्चिम बंगाल का राज्य पशु - फिशिंग कैट (Fishing Cat)
आंध्र प्रदेश का राज्य पशु - काला हिरन (Black Buck)

भारत के विभिन्न राज्यों के राज्य पक्षी-

अरुणाचल प्रदेश का राज्य पक्षी - ग्रेट हॉर्नबिल (Great Hornbill)
छत्तीसगढ़ का राज्य पक्षी - पहाड़ी मैना (Hill Myna)
हरियाणा का राज्य पक्षी - काला तीतर (Black Francolin)
झारखण्ड का राज्य पक्षी - कोयल (Koel)
मध्य प्रदेश का राज्य पक्षी - शाह बुलबुल (Paradise Flycatcher)
मेघालय का राज्य पक्षी - पहाड़ी मैना (Hill Myna)
उड़ीसा का राज्य पक्षी - मोर (Peacock)
सिक्किम का राज्य पक्षी - चिल्मिआ (Blood Pheasant)

उत्तराखंड का राज्य पक्षी - हिमालय मोनल (Himalayan Monal)
असम का राज्य पक्षी - व्हाइट विंग्ड वुड डक (White Winged Wood Duck)
गोवा का राज्य पक्षी - काली कलगी की बुलबुल (Black Crested Bulbul)
हिमाचल प्रदेश का राज्य पक्षी - वेस्टर्न ट्रैगोपेन (Western Tragopan)
कर्नाटक का राज्य पक्षी - इंडियन रोलर (Indian Roller)
महाराष्ट्र का राज्य पक्षी - ग्रीन इम्पीरियल पिजन (Green Imperial Pigeon)
मिजोरम का राज्य पक्षी - मिसेस ह्यूम्स फीसेंट (Mrs. Humes Pheasant)
पंजाब का राज्य पक्षी - नॉर्दन गोशॉक (Northern Goshawk)

तमिलनाडु का राज्य पक्षी - एमराल्ड डव (Emerald Dove)
उत्तर प्रदेश का राज्य पक्षी - सारस क्रेन (Sarus Crane)
बिहार का राज्य पक्षी - घरेलू गौरैया (House Sparrow)
गुजरात का राज्य पक्षी - ग्रेटर फ्लेमिंगो (Greater Flamingo)
जम्मू-कश्मीर का राज्य पक्षी - काले गर्दन की क्रेन (Black Necked Crane)
केरल का राज्य पक्षी - ग्रेट हॉर्नबिल (Great Hornbill)
मणिपुर का राज्य पक्षी - मिसेस ह्यूम्स फीसेंट (Mrs. Humes Pheasant)
नागालैंड का राज्य पक्षी - ब्लिथ्स ट्रैगोपेन (Blyths Tragopan)
राजस्थान का राज्य पक्षी - इंडियन बस्टर्ड (Indian Bustard)
त्रिपुरा का राज्य पक्षी - ग्रीन इम्पीरियल पिजन (Green Imperial Pigeon)
पश्चिम बंगाल का राज्य पक्षी - व्हाइट थ्रोेटेड किंगफ़िशर (White Throated Kingfisher)
आंध्र प्रदेश का राज्य पक्षी - इंडियन रोलर (Indian Roller)

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शिक्षा की गुणवत्‍ता जांचने के लिए कॉलेज ने लिया‍ शिक्षकों का टेस्‍ट

शिक्षा की गुणवत्‍ता जांचने के लिए कॉलेज ने लिया‍ शिक्षकों का टेस्‍ट

मुंबई। ठाणे जिले के अलामुरी रत्‍नमाला संस्थान में अपनी तरह के पहले प्रयोग के रूप में पिछले सप्ताह इंजीनियरिंग के 80 शिक्षकों की उनके संबंधित विषयों में परीक्षा ली गई। कॉलेज ने यह पहल इसलिए शुरू की है, ताकि अपने छात्रों की दी जा रही शिक्षा की गुणवत्‍ता की जांच की जा सके।

कॉलेज की योजना ऐसे बेस्‍ट एंसर का बैंक बनाने की है, जिसमें शिक्षकों द्वारा लिखे गए सबसे अच्‍छे उत्‍तरों को छात्रों को रिफरेंस के रूप में दिखाया जा सके। मुंबई मिरर में प्रकाशित एक खबर के अनुसार, इलेक्‍िट्रसिटी एंड इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स के टीचर इसरानी ने बताया कि एक शिक्षक के रूप में हम छात्रों को अच्‍छे तरीके से पढ़ा रहे हैं।

मगर, हमारी अपनी योग्‍यता और ज्ञान का लंबे समय से कोई परीक्षण नहीं हुआ है। इस परीक्षा का आईडिया यह है कि शिक्षकों को उनके विषय के बारे में अच्‍छे तरीके से तैयार किया जाए। हमने अपनी परीक्षा मुंबई यूनिवर्सिटी के तय फॉर्मेट के आधार पर दी।

नहीं हूं गैंगस्टर, चीन में है मोबाइल का बिजनेसः पिल्लई

कॉलेज ने कहा कि जिन शिक्षकों ने 80 फीसद से कम अंक हासिल किए, उन्‍हें साइड पोस्टिंग दी जाएगी। उन्‍हें शिक्षण का काम तभी दिया जाएगा, जब वे अपने विषय की परीक्षा अगले प्रयास में सफलतापूर्वक कर सकेंगे।

कॉलेज के डीन दिनेश इसरानी ने कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि कोई छात्र आए और यह कहे कि शिक्षक को किसी विषय में कुछ जानकारी नहीं है या शिक्षक किसी डाउट को अच्‍छी तरह से समझा नहीं पाया। उन्‍होंने कहा‍ कि मैं पिछले 25 सालों से इलेक्‍टॉनिक्‍स पढ़ा रहा हूं।

नकल पर सख्‍ती से गुजरात में पास होने वाले छात्रों की संख्‍या हुई कम

डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एंड टेलीकम्‍युनिकेशन के एसोसिएट प्रोफेसर संजय हुंडीवाला ने बताया कि एक शिक्षक के रूप में मैंने महसूस किया कि हमें खुद को अपडेट करने की जरूरत है। ऐसे में मौजूदा सिलेबस और फॉर्मेट के आधार पर शिक्षकों की परीक्षा लेना सबसे अच्‍छा तरीका था।

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